संसद में हंगामे के बीच बड़ा एक्शन; विपक्ष के 15 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड, लोकसभा के 14 तो राज्यसभा से 1 सांसद पर गिरी गाज
Parliament Security Breach Lok Sabha 14 MPs Suspends Update
Parliament MPs Suspends: संसद में सुरक्षा चूक की घटना पर जमकर हंगामा बरप रहा है। संसद के दोनों सदनों (लोकसभा-राज्यसभा) में विपक्षी सांसद सरकार पर बिफरे पड़े हैं। जहां इस बीच लोकसभा के 14 सांसदों पर बड़ा एक्शन हो गया है। ज्यादा हंगामा कर सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना के चलते लोकसभा के इन सभी 14 सांसदों को शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। मसलन, ये सांसद अब लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
कांग्रेस के 9 सांसद सस्पेंड
जिन 14 सांसदों को सस्पेंड किया गया है उनमें से 9 सांसद कांग्रेस के हैं। कांग्रेस के 9 सांसदों में टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास, डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, वीके श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद और मनिकम टैगोर को सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा सीपीआईएम के पीआर नटराजन और एस वेंकटेशन पर भी कार्रवाई की गई है। दोनों सांसद सस्पेंड कर दिए गए हैं। जबकि डीएमके के कनिमोझी करुणानिधि और एसआर पार्थिबन और सांसद के सुब्रमण्यम को भी सस्पेंड किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इन सभे विपक्षी सांसदों के सस्पेंशन प्रस्ताव रखा था जिसे स्वीकार कर लिया गया।
राज्यसभा में भी हंगामा, TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन सस्पेंड
लोकसभा के अलावा राज्यसभा में भी हंगामे के बीच TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर कार्रवाई की गई। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने आसन वेल की तरफ आकर नारबाजी की। जिसके बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर काफी गुस्सा आ गया। धनखड़ ने डेरेक ओ ब्रायन से तुरंत सदन के बाहर जाने को कहा। लेकिन जब डेरेक ओ ब्रायन ने ऐसा नहीं किया तो पीयूष गोयल के प्रस्ताव पर सभापति जगदीप धनखड़ TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन को 'अपमानजनक व्यवहार' के लिए सस्पेंड कर दिया है। डेरेक ओ ब्रायन शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए सस्पेंड रहेंगे।
वीरवार सुबह से मचा हंगामा
संसद के दोनों सदनों (लोकसभा-राज्यसभा) में वीरवार सुबह से जब कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सांसदों के हंगामे को देखते हुए राज्यसभा और लोकसभा दोनों में ही स्पीकर बार-बार सदस्यों से आग्रह किया कि वे सदन के अंदर शांति बनाए रखें। लेकिन विपक्षी सांसद नहीं माने।
आवाज दबाने के लिए सांसदों को सस्पेंड किया
15 सांसदों को सदन से सस्पेंड किए जाने पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कल जो हुआ वह एक बड़ी सुरक्षा और ख़ुफ़िया विफलता थी। हम चाहते हैं कि सरकार सदन को आकर बताए कि कल क्या हुआ और वे क्या कदम उठा रहे हैं। सरकार न आने पर अड़ी है, या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को बयान देना चाहिए...सिर्फ इसलिए कि हमने मांग की और विरोध किया, हमारी आवाज को दबाने के लिए, लगभग 15 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है... हम चाहते हैं कि या तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री सदन में आएं और कल हुई घटना और भविष्य के लिए वे क्या सुधारात्मक कदम उठाने जा रहे हैं, इस पर स्पष्ट बयान दें।
इधर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन(ललन) सिंह ने कहा कि सरकार अपनी नाकामी को छुपाने के लिए विपक्ष में भय पैदा करना चाहती है, भय पैदा करने से शासन नहीं होता है। विपक्षी सांसद मांग कर रहे हैं कि कल हुई सुरक्षा में चूक पर गृह मंत्री बयान दें तो इसमें गलत क्या है? गृह मंत्री को आकर बयान देना चाहिए, वे देश के गृह मंत्री हैं, सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी हैं...